Umrah in Islam: इस्लाम में 5 अरकान—शहादा, नमाज़, रोज़ा, ज़कात और हज—हर मुसलमान पर फर्ज हैं। इन्हीं पवित्र इबादतों के बीच एक और खास यात्रा है उमराह, जिसे भले फर्ज नहीं माना जाता, लेकिन इसकी फजीलत (महत्ता) बेहद बड़ी है। जिस तरह हिंदू धर्म में चार धाम यात्रा पवित्र मानी जाती है, उसी तरह मुस्लिम समुदाय में हज और उमराह का अपना बड़ा धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व है।
उमराह क्या है? (Meaning of Umrah in Islam)
उमराह एक पवित्र और रूहानी यात्रा है, जिसमें मुसलमान मक्का मुकर्रमा का सफर करते हैं और काबा शरीफ का तवाफ करते हैं।
हज की तरह यह अनिवार्य नहीं है—
उमराह फर्ज नहीं, मुस्तहब (नफ्ल इबादत) है
इसे करने से सवाब (पुण्य) मिलता है
न करने पर कोई गुनाह नहीं
इसी वजह से इसे “छोटा हज” या मिनी हज भी कहा जाता है।
उमराह क्यों खास है? ‘छोटा हज’ कहलाने की वजह
उमराह को हज से अलग माना जाता है क्योंकि—
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इसे साल के किसी भी समय किया जा सकता है
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इसकी रस्में कुछ ही घंटों में पूरी हो जाती हैं
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इसमें सिर्फ तवाफ और सई की अदायगी शामिल है
उमराह में शामिल मुख्य अमल:
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इहराम बांधना
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काबा का तवाफ करना
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सफा–मरवा के बीच सई करना
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हलक़ या तकसीर (बाल कटवाना)
यह पूरी प्रक्रिया 3 से 10 दिनों के भीतर आराम से पूरी हो जाती है।
उमराह कैसे किया जाता है? (Rituals of Umrah)
1. इहराम (Ihram)
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सफर शुरू होने से पहले इहराम की हालत में प्रवेश करना
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नीयत करना और तलबिया पढ़ना
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पवित्रता और अनुशासन का प्रतीक
2. तवाफ (Tawaf)
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काबा शरीफ के चारों ओर सात चक्कर लगाना
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यह उमराह का सबसे पवित्र हिस्सा माना जाता है
3. सई (Sa’i)
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सफा और मरवा पहाड़ियों के बीच सात बार चलना
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हाजरा (AS) की याद में यह सुन्नत अमल है
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4. हलक़ या तकसीर
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पुरुष सिर के बाल मुंडवाते हैं (हलक़)
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महिलाएं थोड़ा सा बाल काटती हैं (तकसीर)
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इसके बाद उमराह पूरा हो जाता है (Umrah in Islam)
उमराह करने के क्या फायदे हैं? (Benefits of Umrah in Islam)
इस्लामी मान्यताओं के अनुसार उमराह करने से—
गुनाह माफ़ होते हैं
ईमान मजबूत होता है
दिल को सुकून मिलता है
अल्लाह की रहमत और रज़ा हासिल होती है
दुनिया और आख़िरत दोनों में सवाब मिलता है
अल्लाह से दुआ, माफी और रहमत मांगने का सबसे पवित्र मौका मिलता है
रमजान में उमराह करने की फजीलत कई गुना बढ़ जाती है— इसे हज के बराबर सवाब का दर्जा मिलता है।















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