मार्गशीर्ष अमावस्या: शनि दोष से मुक्ति का शुभ अवसर
हिंदू पंचांग के अनुसार मार्गशीर्ष अमावस्या, जिसे अगहन अमावस्या भी कहा जाता है, धार्मिक दृष्टि से अत्यंत शुभ दिन माना जाता है।
इस दिन स्नान, दान, तर्पण और विशेष पूजा-पाठ करने से न केवल पितृदोष शांत होता है बल्कि शनि साढ़े साती और शनि ढैय्या का प्रभाव भी कम होता है।
वर्तमान में कुंभ, मीन और मेष राशि वाले जातकों पर शनि साढ़े साती चल रही है, जबकि सिंह और धनु राशि वालों पर शनि ढैय्या का साया है।
ऐसे में इस अमावस्या पर किए गए कुछ विशेष उपाय इन जातकों के लिए बेहद शुभ सिद्ध हो सकते हैं।
🕉️ 1. शनि स्रोत का पाठ करें
मार्गशीर्ष अमावस्या पर शनि स्रोत का पाठ करने से शनि देव की कृपा प्राप्त होती है।
इससे साढ़े साती और ढैय्या के नकारात्मक प्रभाव कम हो जाते हैं और जीवन में स्थिरता आती है।
2. पीपल के पेड़ में जल अर्पित करें और दीपक जलाएं
इस दिन स्नान के बाद पीपल के वृक्ष में जल अर्पित करें और सरसों के तेल का दीपक जलाएं।
यह उपाय शनि दोष को शांत करता है और आपके जीवन की परेशानियों को दूर करता है।
3. “शं ह्रीं शं शनैश्चराय नमः” मंत्र का जाप करें
इस मंत्र का 108 बार जाप करने से शनि देव प्रसन्न होते हैं।
नियमपूर्वक और श्रद्धा से किया गया यह उपाय आपकी साढ़े साती और ढैय्या से राहत दिला सकता है।
4. घर में शमी का पौधा लगाएं
शमी का वृक्ष शनि देव का प्रिय माना जाता है।
मार्गशीर्ष अमावस्या पर किसी गमले में शमी का पौधा लगाकर उसके चारों ओर काले तिल डालें और उसके सामने सरसों के तेल का दीपक जलाएं।
इसके बाद शनि मंत्र का 11 बार जप करें।
यह उपाय शनि दोष को दूर करने और शनि देव की कृपा प्राप्त करने में अत्यंत प्रभावी है।
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5. भगवान शिव और हनुमान जी की पूजा करें
शनि से मुक्ति के लिए भगवान शिव और हनुमान जी की पूजा करना सबसे उत्तम उपाय है।
इस दिन शिवलिंग पर जल चढ़ाएं और हनुमान चालीसा का पाठ करें।
इससे शनि के दुष्प्रभाव कम होते हैं और जीवन में सकारात्मकता आती है।














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