Navratri Day 4: शारदीय नवरात्रि 2025 की शुरुआत 22 सितंबर से हुई है और यह 2 अक्टूबर को विजयदशमी (दशहरा) के साथ समाप्त होगी। नवरात्रि के चौथे दिन की पूजा मां दुर्गा के चौथे स्वरूप मां कूष्मांडा को समर्पित होती है। इस दिन मां की आराधना से स्वास्थ्य, धन और समृद्धि की प्राप्ति होती है।
मां कूष्मांडा कौन हैं? (महत्व और स्वरूप)
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‘कू’ = छोटा, ‘उष्मा’ = ऊर्जा और ‘अंड’ = अंडा → अर्थात सृष्टि की रचना करने वाली शक्ति।
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मां कूष्मांडा को अष्टभुजा देवी भी कहा जाता है।
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उनके आठ हाथों में कमल, कमंडल, धनुष-बाण, अमृत कलश, जप माला, गदा और चक्र सुशोभित हैं।
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वे सिंह पर सवार रहती हैं और अनाहत चक्र (हृदय चक्र) की अधिष्ठात्री देवी मानी जाती हैं।
👉 जिन भक्तों को चिंता, भय, अवसाद या मानसिक तनाव हो, वे इस दिन मां कूष्मांडा की विशेष पूजा करें।
नवरात्रि Day 4: शुभ मुहूर्त
द्रिक पंचांग के अनुसार चौथे दिन पूजा के विशेष मुहूर्त इस प्रकार हैं –
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ब्रह्म मुहूर्त: सुबह 04:33 से 05:21 तक
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अभिजीत मुहूर्त: 11:47 से 12:35 तक
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विजय मुहूर्त: 02:12 से 03:00 तक
आज का शुभ रंग – पीला (Yellow)
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नवरात्रि के चौथे दिन पीला रंग पहनना सबसे शुभ माना गया है।
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यह रंग खुशहाली, सकारात्मकता और उत्साह का प्रतीक है।
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पीला पहनने से पूरे दिन ऊर्जा और आनंद की अनुभूति होती है।
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पूजा विधि और सामग्री
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ब्रह्म मुहूर्त में स्नान कर पीले वस्त्र धारण करें।
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पूजा सामग्री: रोली, मौली, चावल, चंदन, पुष्प, दीपक (देशी घी का), माला और फल।
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मां को सिंदूर और पीले फूलों की माला अर्पित करें।
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भोग: मौसमी फल, सुपारी, लौंग, इलायची, मीठा पान और मालपुआ चढ़ाना विशेष फलदायी है।
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दुर्गा चालीसा, सप्तशती पाठ और मां कूष्मांडा की स्तुति करें।
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अंत में आरती कर भोग प्रसाद बांटें। (Navratri Day 4)
प्रार्थना, मंत्र और स्तुति
प्रार्थना
सुरसंपूर्ण कलशं रुधिराप्लुतमेव च।
दधाना हस्तपद्माभ्यां कूष्मांडा शुभदास्तु मे॥
पूजा मंत्र
ॐ देवी कूष्माण्डायै नमः॥
स्तुति
या देवी सर्वभूतेषु मां कूष्माण्डा रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥
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