Navratri Day 3: शारदीय नवरात्रि हर साल आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा से शुरू होती है। इस बार नवरात्रि की शुरुआत 22 सितंबर 2025 से हुई है। नवरात्रि के तीसरे दिन मां चंद्रघंटा की पूजा का विधान है। धार्मिक मान्यता है कि मां चंद्रघंटा की उपासना से घर में सुख-शांति, समृद्धि और शक्ति का वास होता है।
मां चंद्रघंटा का स्वरूप
-
मां चंद्रघंटा को स्वर की देवी कहा जाता है।
-
वे सिंह पर सवार होती हैं और उनके मस्तक पर घंटे के आकार का अर्धचंद्र शोभायमान रहता है।
-
मां का यह रूप असुरों और दुष्ट शक्तियों का नाश कर भक्तों की रक्षा करता है।
मां चंद्रघंटा की कथा
पौराणिक कथा के अनुसार, महिषासुर नामक राक्षस ने तीनों लोकों में आतंक मचाना शुरू कर दिया था।
-
सभी देवता त्रस्त होकर त्रिदेव (ब्रह्मा, विष्णु और महेश) के पास पहुंचे।
-
त्रिदेव के क्रोध से एक दिव्य ऊर्जा प्रकट हुई, जिससे मां दुर्गा का चंद्रघंटा स्वरूप प्रकट हुआ। (Navratri Day 3)
-
भगवान शिव ने मां को त्रिशूल, भगवान विष्णु ने चक्र और इंद्रदेव ने घंटा प्रदान किया।
-
सभी देवताओं से मिले अस्त्र-शस्त्रों के साथ मां चंद्रघंटा ने महिषासुर का वध किया और देवताओं को उसके आतंक से मुक्ति दिलाई।
👉 इसलिए नवरात्रि के तीसरे दिन मां चंद्रघंटा की पूजा-अर्चना और कथा-पाठ का विशेष महत्व माना जाता है।
Leave a Reply