Margshirsha Purnima 2025: हिंदू धर्म में मार्गशीर्ष पूर्णिमा को अत्यंत शुभ और फलदायी माना गया है। इसे महापूर्णिमा भी कहा जाता है, क्योंकि श्रीकृष्ण ने भगवद्गीता में स्वयं कहा है— “मासानां मार्गशीर्षोऽहम्” यानी सभी महीनों में मैं मार्गशीर्ष हूं। इस तिथि को अत्यधिक ऊर्जा, आध्यात्मिक जागरण और पुण्य का कारक माना गया है।
मार्गशीर्ष पूर्णिमा पर ब्रह्म मुहूर्त का विशेष महत्व
इस दिन स्नान, ध्यान, दान और मंत्र जाप का गुणा-गुणा फल मिलता है। ब्रह्म मुहूर्त को शास्त्रों में “अबूझ और दिव्य समय” बताया गया है, जिसमें किए गए जप और ध्यान से जीवन में सुख-समृद्धि और शांति आती है।
Margshirsha Purnima 2025: ब्रह्म मुहूर्त का समय
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तारीख: 4 दिसंबर 2025
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ब्रह्म मुहूर्त आरंभ: सुबह 04:19 बजे
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ब्रह्म मुहूर्त समाप्त: सुबह 04:58 बजे
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कुल अवधि: लगभग 39 मिनट
इन 39 मिनटों में किए गए शुभ कार्यों का फल अनेक गुना बढ़ जाता है।
ब्रह्म मुहूर्त में करें इन 5 शक्तिशाली मंत्रों का जाप
इन मंत्रों के जाप से मन शांत होता है, नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है और जीवन में समृद्धि आती है।
1️⃣ ॐ श्री ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद
मां लक्ष्मी की कृपा पाने के लिए अत्यंत प्रभावी
2️⃣ श्रीं ह्रीं श्रीं ॐ महालक्ष्मयै नमः
धन, वैभव और सौभाग्य प्रदान करने वाला शक्तिशाली मंत्र
3️⃣ ॐ श्रां श्रीं श्रौं सः चन्द्रमसे नमः
मन की शांति और मानसिक चंद्र ऊर्जा को बढ़ाने वाला मंत्र
4️⃣ ॐ नमः शिवाय
सभी दोषों का नाश करने वाला सार्वभौमिक महामंत्र
5️⃣ ॐ नमो नारायणाय
विष्णु भगवान की कृपा प्राप्त करने के लिए उत्तम मंत्र
मार्गशीर्ष पूर्णिमा स्नान और पूजा विधि
इस तिथि पर ब्रह्म मुहूर्त में निम्न विधि के अनुसार स्नान-ध्यान करने से अत्यधिक लाभ मिलता है—
1️⃣ तुलसी युक्त जल से स्नान
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स्नान जल में तुलसी पत्ते डालें
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पहले उसी जल को सिर पर छिड़कें और नमस्कार करें
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फिर शांत मन से स्नान करें
2️⃣ सूर्य देव को अर्घ्य
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स्नान के बाद सूर्य देव को जल अर्पित करें
3️⃣ मंत्र जाप
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ऊपर बताए गए 5 मंत्रों में से कोई भी मंत्र या सभी मंत्र जाप करें
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4️⃣ सफेद वस्त्र धारण करें
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सफेद वस्त्र धारण करना शुभ माना गया है
5️⃣ दान का महत्व
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चावल, दूध, दही, या सफेद चीजों का दान करें
6️⃣ रात में चंद्रमा को अर्घ्य
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पूर्णिमा की रात चंद्र देव को जल चढ़ाएं
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इससे मन की शांति और मानसिक बल मिलता है















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