La Niña 2025 Update: भारतीय मौसम विभाग (IMD) के अनुसार, इस साल मानसून में औसत से ज्यादा बारिश दर्ज की गई है। कई राज्यों में सितंबर की शुरुआत में ही बारिश आफत बनकर बरसी। अब मौसम वैज्ञानिकों ने चेतावनी दी है कि अक्टूबर से दिसंबर 2025 के बीच ला नीना की स्थिति विकसित हो सकती है, जिससे भारत में इस बार कड़ाके की ठंड और पहाड़ों पर भारी बर्फबारी देखने को मिलेगी।
ला नीना क्या है?
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ला नीना, एल नीनो सदर्न ऑसिलेशन (ENSO) का ठंडा रूप है।
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इसमें प्रशांत महासागर का तापमान सामान्य से ठंडा हो जाता है।
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इसका असर पूरी दुनिया के मौसम पर पड़ता है।
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भारत में यह अक्सर अत्यधिक ठंडी सर्दियों और शीत लहरों से जुड़ा होता है।
संभावना कितनी है?
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अमेरिका के क्लाइमेट प्रेडिक्शन सेंटर (CPC) ने अनुमान लगाया है कि अक्टूबर-दिसंबर 2025 के बीच ला नीना के लौटने की 71% संभावना है।
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भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने भी कहा है कि ला नीना बनने की 50% से ज्यादा संभावना है।
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यह स्थिति फरवरी 2026 तक बनी रह सकती है। (La Niña 2025 Update)
पहाड़ों पर बर्फबारी और उत्तर भारत में शीतलहर
स्काइमेट वेदर के अध्यक्ष जीपी शर्मा ने बताया कि अगर समुद्र का तापमान 0.5°C से नीचे जाता है और लगातार तीन तिमाहियों तक रहता है, तो इसे ला नीना माना जाएगा।
इस स्थिति में:
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उत्तर भारत में कड़ाके की ठंड पड़ेगी।
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हिमालयी राज्यों में भारी बर्फबारी होगी।
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शीतलहर की अवधि सामान्य से ज्यादा लंबी हो सकती है।
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स्टडी में क्या पाया गया?
भारतीय विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान (IISER), मोहाली और ब्राज़ील के राष्ट्रीय अंतरिक्ष अनुसंधान संस्थान की एक स्टडी के अनुसार:
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ला नीना के दौरान उत्तरी भारत में अत्यधिक शीतलहरें आती हैं।
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निचली सतह की हवाओं में बदलाव के कारण ठंडी हवाएं उत्तर भारत की ओर आती हैं।
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इसकी वजह से सामान्य सालों की तुलना में सर्दी ज्यादा कठोर होती है।
नतीजा
IMD और वैश्विक एजेंसियों की भविष्यवाणियों के अनुसार, इस बार भारत में सर्दियां सामान्य से ज्यादा ठंडी होंगी। ऐसे में उत्तर भारत और पहाड़ी राज्यों को ठंड और बर्फबारी के लिए तैयार रहना होगा।
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