2025 में सोने का ऐतिहासिक उछाल: 4000 डॉलर के पार!
2025 सोने के इतिहास का सबसे शानदार और रिकॉर्डतोड़ साल साबित हुआ। सोने की कीमतों में इस साल 50% से अधिक की वृद्धि दर्ज की गई और यह पहली बार $4,000 प्रति औंस के मनोवैज्ञानिक स्तर को पार कर गया।
साल के पहले छह महीनों में ही 26 नए ऑल-टाइम हाई दर्ज हुए, जिससे सोना एक बार फिर निवेशकों का पसंदीदा एसेट बन गया।
केंद्रीय बैंकों की गोल्ड खरीद ने बदला गेम
2022 से 2024 के बीच केंद्रीय बैंकों ने रिकॉर्ड स्तर पर 3,200 टन से ज्यादा सोना खरीदा। यह खरीदारी अब केवल मौद्रिक नीति का हिस्सा नहीं, बल्कि वैश्विक आर्थिक पुनर्गठन का संकेत है।
2026 में भी यह रुझान जारी रहने की उम्मीद है, जिससे सोने की कीमतें और ऊपर जा सकती हैं।
2026 के लिए कीमतों का अनुमान: $4000 से $5600 प्रति औंस तक संभावनाएं
वित्तीय संस्थानों के अनुसार, सोने का बुलिश ट्रेंड 2026 में भी जारी रहेगा।
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Goldman Sachs: $5,055 (Q4 2026)
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Bank of America: $5,000 (औसत $4,400)
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UBS: $4,200 से $4,700
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ING: $4,100 (Q1 2026)
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JPMorgan: $4,000 तक दूसरी तिमाही में
इन अनुमानों से स्पष्ट है कि वैश्विक आर्थिक अस्थिरता और नीतिगत बदलाव सोने के लिए सकारात्मक माहौल बना रहे हैं।
क्यों बढ़ रही है गोल्ड की मांग: Central Bank Revolution Explained
केंद्रीय बैंकों द्वारा लगातार बढ़ती खरीदारी ने बाजार की दिशा बदल दी है।
पहली बार 1996 के बाद केंद्रीय बैंकों की गोल्ड होल्डिंग्स, यूएस ट्रेजरी होल्डिंग्स से अधिक हो गई हैं।
चीन, भारत, पोलैंड, तुर्की, कजाखस्तान जैसे देश अपनी रणनीतिक सोने की भंडार नीति को आक्रामक रूप से आगे बढ़ा रहे हैं।
ETF Inflows से दिखा निवेशकों का भरोसा
सिर्फ केंद्रीय बैंक ही नहीं, बल्कि संस्थागत निवेशकों का भरोसा भी सोने पर बढ़ा है।
2025 की तीसरी तिमाही में $26 बिलियन के रिकॉर्ड ETF इनफ्लो दर्ज हुए।
इससे स्पष्ट है कि निवेशक सोने को अब लॉन्ग-टर्म एसेट के रूप में देख रहे हैं, न कि सिर्फ शॉर्ट-टर्म ट्रेडिंग टूल की तरह।
जियोपॉलिटिकल टेंशन और आर्थिक अनिश्चितता से मिलेगा सोने को सहारा
अमेरिका-चीन व्यापार युद्ध, मध्य पूर्व और रूस-यूक्रेन संघर्ष जैसे मुद्दे सोने के लिए सुरक्षित निवेश (Safe Haven) की भूमिका को मजबूत कर रहे हैं।
अस्थिर वैश्विक परिस्थितियाँ निवेशकों को डॉलर से हटकर गोल्ड की ओर मोड़ रही हैं।
US Monetary Policy और Dollar की भूमिका
2026 में अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में कटौती की संभावना है, जिससे सोने को और बल मिलेगा।
कम ब्याज दरों और कमजोर डॉलर की वजह से गोल्ड की डिमांड और कीमतों में बढ़ोतरी की उम्मीद है।
2026 में Gold Trading की रणनीति क्या होनी चाहिए?
विशेषज्ञों के अनुसार, 2026 में सोने की कीमतों में उतार-चढ़ाव रहेगा, लेकिन लॉन्ग-टर्म ट्रेंड पॉजिटिव रहेगा।
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गिरावट के समय Buy on Dips रणनीति अपनाएं।
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ETF, Futures या Mining Stocks के जरिए निवेश को विविध बनाएं।
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जोखिम प्रबंधन पर ध्यान दें, क्योंकि वोलैटिलिटी बनी रहेगी।
सप्लाई साइड की चुनौती: नई माइनिंग मुश्किल
2018 से अब तक सोने का उत्पादन औसतन 0.3% प्रति वर्ष ही बढ़ा है।
नई माइनिंग परियोजनाओं की लागत और पर्यावरणीय बाधाएँ आपूर्ति को सीमित कर रही हैं।
इससे मांग बढ़ने पर कीमतों में और उछाल आने की संभावना है।
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संभावित जोखिम (Risks to Bullish Outlook)
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ऊँची कीमतों से ज्वेलरी डिमांड घट सकती है
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स्पेकुलेटिव ट्रेडिंग से अस्थायी सुधार संभव
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मजबूत डॉलर या सकारात्मक आर्थिक डेटा से शॉर्ट-टर्म दबाव बन सकता है
टेक्निकल एनालिसिस: मजबूत ट्रेंड जारी
विश्लेषकों के अनुसार, 2025 की तेज़ बढ़त के बाद सोना अब कंसोलिडेशन फेज़ में है।
यह चरण नए अपट्रेंड की नींव तैयार कर रहा है, जिससे 2026 में $5,000 तक की रैली संभव है।













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