तकनीकी जगत में बदलती तस्वीर
अमेरिका का टेक सेक्टर, जिसे हमेशा नवाचार और क्रांति का केंद्र माना गया है, अब तेजी से बदलते जनसांख्यिकी (demographics) का सामना कर रहा है। हालिया आंकड़े दिखाते हैं कि 21 से 25 वर्ष की उम्र वाले जनरेशन Z (Gen Z) कर्मचारियों की संख्या बड़ी टेक कंपनियों से तेजी से घट रही है। वहीं औसत उम्र के कर्मचारियों की संख्या लगातार बढ़ रही है।
जनरेशन Z की गिरती हिस्सेदारी
कंपनसेशन मैनेजमेंट कंपनी Pave की रिपोर्ट के अनुसार जनवरी 2023 में बड़ी टेक कंपनियों में 15% कर्मचारी 21–25 वर्ष की आयु के थे।
लेकिन अगस्त 2025 तक यह आंकड़ा घटकर सिर्फ 6.8% रह गया। निजी कंपनियों में भी यही ट्रेंड दिखा, जहां Gen Z की हिस्सेदारी 9.3% से गिरकर 6.8% हो गई।
सिर्फ यही नहीं, बड़े पब्लिक टेक कंपनियों में औसत उम्र 34.3 वर्ष से बढ़कर 39.4 वर्ष हो गई है। यानी अब टेक इंडस्ट्री में युवा प्रतिभाओं की जगह मिलेनियल्स और सीनियर प्रोफेशनल्स का दबदबा है।
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और ऑटोमेशन का असर
AI और ऑटोमेशन इस बदलाव का सबसे बड़ा कारण हैं। Salesforce, Microsoft और Meta जैसी कंपनियां ऐसे AI टूल्स पर निवेश कर रही हैं, जो एंट्री-लेवल कर्मचारियों द्वारा किए जाने वाले डाटा मैनेजमेंट, बेसिक कोडिंग और कस्टमर सोर्सिंग जैसे काम मिनटों में कर देते हैं।
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सीनियर लेवल नौकरियां अभी भी सुरक्षित हैं क्योंकि इनमें रणनीतिक सोच, जजमेंट और क्रिएटिविटी की जरूरत होती है।
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लेकिन एंट्री-लेवल नौकरियां, जो नए ग्रेजुएट्स के लिए करियर की सीढ़ी थीं, अब तेजी से खत्म हो रही हैं।
शुरुआती नौकरियों का गायब होना और उसके खतरे
एंट्री-लेवल जॉब्स सिर्फ नौकरी ही नहीं थीं बल्कि स्किल डेवलपमेंट, कॉरपोरेट कल्चर सीखने और नेटवर्किंग का आधार भी थीं।
अगर ये नौकरियां खत्म होती रहीं तो आने वाले 10 सालों में कंपनियों को मिड-लेवल और सीनियर टैलेंट की कमी का सामना करना पड़ सकता है।
उदाहरण के लिए – जूनियर सेल्स एग्जीक्यूटिव की भूमिका से कर्मचारी आगे चलकर एंटरप्राइज सेल्स जैसे बड़े राजस्व वाले रोल्स तक पहुंचते हैं। अगर शुरुआती स्तर खत्म हो गया तो यह सीढ़ी टूट जाएगी।
Gen Z की चुनौती और अवसर
Gen Z टेक्नोलॉजी को अपनाने में सबसे तेज है, साथ ही उनके पास नए आइडियाज और पारंपरिक तरीकों को चुनौती देने का साहस है।
लेकिन अगर उनकी एंट्री रुकती रही तो सिलिकॉन वैली की इनोवेशन कल्चर कमजोर हो सकती है।
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उम्रदराज कर्मचारियों की अधिकता से क्रिएटिविटी और एक्सपेरिमेंटेशन धीमा हो सकता है।
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रिटायरमेंट के बाद लीडरशिप गैप भी सामने आ सकता है।
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कंपनियों के लिए समाधान
टेक कंपनियों को अगर लंबे समय तक इनोवेशन बचाना है तो उन्हें अपनी वर्कफोर्स स्ट्रैटेजी बदलनी होगी।
इसके लिए जरूरी कदम:
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री-स्किलिंग और अप-स्किलिंग प्रोग्राम्स शुरू करना।
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मेंटॉरशिप मॉडल्स को मजबूत बनाना।
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AI के बावजूद एंट्री-लेवल पाइपलाइन बनाए रखना।
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रिमोट और हाइब्रिड जॉब्स को बढ़ावा देकर नई प्रतिभाओं को जोड़ना।
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डिग्री आधारित भर्ती से हटकर स्किल-बेस्ड हायरिंग अपनाना।
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