अगर आपने समय पर Income Tax Return (ITR) फाइल नहीं किया या e-verify नहीं कर पाए, तो अब घबराने की जरूरत नहीं है। आयकर विभाग (I-T Department) ने करदाताओं को राहत देने के लिए Condonation of Delay Request की सुविधा दी है। इसके जरिए आप लेट ITR फाइल करके पेनाल्टी से बच सकते हैं।
Condonation of Delay क्या है?
Income Tax Act, 1961 की धारा 119(2)(b) के तहत करदाता genuine कारण होने पर देर से ITR फाइल करने के लिए आवेदन कर सकते हैं। अगर आपका कारण आयकर विभाग को उचित लगता है, तो आपकी देरी माफ हो सकती है और आपको अतिरिक्त टैक्स, ब्याज या पेनाल्टी नहीं देनी होगी।
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सामान्य तौर पर ITR की आखिरी तारीख 31 जुलाई होती है।
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इस साल (2025) की डेडलाइन बढ़ाकर 15 सितंबर 2025 कर दी गई है।
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अगर आप समय पर फाइल नहीं करते, तो भारी पेनाल्टी लग सकती है।
Condonation Request Accept होने पर क्या होगा?
अगर आपका Condonation of Delay Request स्वीकार हो जाता है तो:
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आप लेट ITR फाइल कर सकते हैं।
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कोई अतिरिक्त टैक्स, ब्याज या पेनाल्टी नहीं देना होगा।
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यह पूरी तरह Income Tax Department की मंजूरी पर निर्भर करता है।
लेट ITR Filing के लिए विकल्प (Options for Late Filing)
अगर आप समय पर ITR फाइल नहीं कर पाए, तो आपके पास 2 विकल्प हैं:
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ITR-U u/s 139(8A) – लेकिन इसमें 25% से 70% तक का additional tax देना होगा।
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ITR u/s 139(9A) – इसके लिए Condonation Request की मंजूरी जरूरी है।
Condonation Request कैसे करें? (Step-by-Step Process)
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Income Tax e-filing portal पर लॉगिन करें।
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Dashboard में Services → Condonation Request पर क्लिक करें।
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Application भरें और Create Condonation Request पर क्लिक करें।
किन कारणों से Reject हो सकता है आपका Request?
Condonation of Delay Request हर बार मंजूर नहीं होता। यह Income Tax Department के विवेक पर निर्भर करता है। आपकी Application इन वजहों से Reject हो सकती है:
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Delay का valid reason न देना।
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लगातार non-compliance का रिकॉर्ड होना।
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सपोर्टिंग डॉक्यूमेंट्स न लगाना (जैसे बीमारी का प्रमाण, टेक्निकल दिक्कत का सबूत आदि)।
Approval मिलने के बाद क्या करें?
अगर आपका Request मंजूर हो गया है तो:
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ITR Upload करें।
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E-Verify करें।
इस तरह आप लेट होने के बावजूद बिना अतिरिक्त बोझ के अपनी Tax Liability पूरी कर पाएंगे।
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