Internet Shutdown: आज के दौर में इंटरनेट हमारी रोज़मर्रा की ज़िंदगी का अहम हिस्सा बन चुका है। लेकिन कई बार दंगे, हिंसा या तनावपूर्ण हालात में सरकार इंटरनेट सेवाएं अस्थायी रूप से बंद कर देती है।
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भारत में सोशल मीडिया के ज़रिए अफवाहें और फेक न्यूज फैलने के मामले अक्सर सामने आते हैं।
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भड़काऊ संदेश माहौल को और बिगाड़ सकते हैं।
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शांति और कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए सरकार यह कदम उठाती है।
इंटरनेट शटडाउन कैसे होता है?
इसे आसान उदाहरण से समझें:
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जैसे घर में वाई-फाई राउटर बंद करने पर इंटरनेट काम करना बंद कर देता है।
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उसी तरह, मोबाइल इंटरनेट के लिए टावर सिग्नल भेजते हैं।
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जब सरकार आदेश देती है, तो टेलीकॉम कंपनियां मोबाइल टावर से नेटवर्क सेवाएं रोक देती हैं।
👉 इसका असर यह होता है कि प्रभावित क्षेत्र का इंटरनेट तुरंत बंद हो जाता है।
ISP और सरकारी आदेश की भूमिका
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भारत में सभी इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर (ISP) सरकारी नियमों के अधीन काम करते हैं।
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सरकार जब किसी इलाके में इंटरनेट बंद करने का आदेश देती है, तो ISP तुरंत उस क्षेत्र का नेटवर्क काट देते हैं।
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इसके बाद पूरे शहर या जिले का इंटरनेट पलक झपकते ही बंद हो जाता है। (Internet Shutdown)
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कब-कब होता है इंटरनेट शटडाउन?
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साम्प्रदायिक दंगे या तनाव
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हिंसक प्रदर्शन और आंदोलन
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राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े हालात
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बड़ी परीक्षाओं में नकल रोकने के लिए भी कई राज्यों ने इंटरनेट बंद किया है
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