अमेरिका क्रिकेट पर गिरी गाज
अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (ICC) ने आखिरकार अमेरिका क्रिकेट (USA Cricket – USAC) को तत्काल प्रभाव से सस्पेंड कर दिया है। आईसीसी ने सदस्यता शर्तों के बार-बार उल्लंघन, खराब गवर्नेंस स्ट्रक्चर और लगातार बढ़ते विवादों को इसकी मुख्य वजह बताया।
गवर्नेंस और ओलंपिक मान्यता पर सवाल
आईसीसी का कहना है कि यूएसएसी एक प्रभावी गवर्नेंस मॉडल बनाने में नाकाम रहा। साथ ही, यह संगठन USOPC (United States Olympic and Paralympic Committee) से राष्ट्रीय खेल निकाय की मान्यता हासिल करने में भी विफल रहा। इससे अमेरिकी क्रिकेट की छवि को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर गहरा धक्का पहुंचा है।
अंदरूनी विवाद और भ्रष्टाचार के आरोप
यह संकट नया नहीं है। 2024 में आईसीसी की एजीएम से पहले ही तीन निदेशकों ने भ्रष्टाचार, उत्पीड़न और CEO की बर्खास्तगी को लेकर गंभीर आरोप लगाए थे। बोर्ड में कानूनी लड़ाइयां, चुनावी गड़बड़ी और आपसी खींचतान ने हालात और बिगाड़ दिए। ICC
आईसीसी के अल्टीमेटम को भी ठुकराया
आईसीसी ने अमेरिका क्रिकेट को सुधार का मौका दिया था और तीन महीने में फ्री और फेयर चुनाव कराने का निर्देश दिया था। यहां तक कि आईसीसी ने सभी बोर्ड निदेशकों के इस्तीफे की मांग भी की, लेकिन चेयरमैन वेणु पिसिके और उनके समर्थकों ने अल्टीमेटम मानने से इंकार कर दिया।
अब खिलाड़ियों का भविष्य अधर में
आईसीसी ने स्पष्ट किया है कि फिलहाल अमेरिका की राष्ट्रीय टीमों का संचालन सीधे उसके हाथों में रहेगा ताकि वर्ल्ड कप और ओलंपिक की तैयारियां प्रभावित न हों। लेकिन बड़ी समस्या यह है कि खिलाड़ियों के मौजूदा कॉन्ट्रैक्ट और फंडिंग को लेकर अनिश्चितता बनी हुई है।
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आगे क्या होगा?
अगर मौजूदा निदेशक इस्तीफा नहीं देते तो सस्पेंशन एक्सपल्शन में भी बदल सकता है। इसका मतलब होगा कि एक नए क्रिकेट बोर्ड का गठन शून्य से करना पड़ेगा, जैसा कि 2017 में USACA को हटाकर USAC बनाया गया था। यह प्रक्रिया लंबी और जटिल साबित हो सकती है। ICC
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