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Historical Facts: मुग़ल बादशाह बाबर और काबुल का गहरा संबंध, जानें क्यों चाहता था यहां दफन होना…

Historical Facts: मुग़ल बादशाह बाबर और काबुल का गहरा संबंध, जानें क्यों चाहता था यहां दफन होना...

Historical Facts: हाल ही में पाकिस्तान ने अफ़ग़ानिस्तान की राजधानी काबुल पर एयर स्ट्राइक की। पाकिस्तानी रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने पहले अफ़ग़ानिस्तान को चेतावनी दी थी कि आतंकी ठिकानों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। इसके कुछ घंटे बाद ही काबुल पर मिसाइलों की बरसात हुई।

बाबर का काबुल से अनोखा लगाव

  • हिंदुस्तान में मुग़ल साम्राज्य की नींव रखने वाले पहले शासक बाबर का काबुल से गहरा संबंध था।
  • बाबर ने 1504 ईस्वी में काबुल पर कब्ज़ा किया और इसे अपने शासन का मुख्य केंद्र बनाया।
  • उसने अपनी ज़िंदगी के कई महत्वपूर्ण साल काबुल में बिताए, इसलिए यह शहर उसके लिए विशेष महत्व रखता था।

भारत पर बाबर के अभियान

  • काबुल पर शासन करते हुए बाबर ने 1519 से भारत पर कई अभियान चलाए।
  • युसूफजाई जाति और अन्य क्षेत्रों पर कब्ज़ा करने के बाद, 1526 में पानीपत की पहली लड़ाई जीतकर उसने भारत में मुग़ल साम्राज्य की नींव रखी।

बाबर की काबुल में दफन होने की इच्छा

बाबर ने अपने जीवनकाल में इच्छा जताई थी कि मृत्यु के बाद उसे काबुल में दफनाया जाए। 26 दिसंबर 1530 को बाबर की मृत्यु आगरा में हुई, और उसे अस्थायी रूप से फिरोजाबाद में दफन किया गया।

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हुमायूँ और शेरशाह सूरी के समय की चुनौती

  • बाबर के निधन के समय उसके बेटे हुमायूँ को सत्ता संभालने और शेरशाह सूरी से मुकाबला करने में व्यस्तता के कारण तुरंत काबुल में दफन संभव नहीं हुआ।
  • हुमायूँ ने बाद में भारत पर नियंत्रण पाने के बाद बाबर की इच्छा को पूरा किया। (Historical Facts)

अंतिम निवास

  • बाबर के शव को नौ साल बाद काबुल ले जाया गया और वहां स्थायी रूप से दफन किया गया।
  • इस वजह से कहा जाता है कि उज्बेकिस्तान में जन्मे बाबर का अंतिम विश्राम स्थल काबुल में है।

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