त्योहारों के बाद सोने-चांदी में गिरावट
Today Gold Prices : फेस्टिव सीजन की रौनक खत्म होते ही Gold और Silver की कीमतों में बड़ी गिरावट दर्ज की गई है.
लगातार 9 हफ्तों की रैली के बाद इस बार निवेशकों ने मुनाफा बुकिंग (Profit Booking) शुरू कर दी, जिसके चलते कीमती धातुओं की कीमतों में तेज गिरावट आई है.
Dollar की मजबूती, Global Prices में गिरावट और Geopolitical tensions में राहत भी इस गिरावट की बड़ी वजह बनी है.
MCX पर सोना-चांदी दोनों लुढ़के
Multi Commodity Exchange (MCX) पर December Gold Futures शुक्रवार को ₹3,557 यानी 2.80% गिरकर ₹1,23,451 प्रति 10 ग्राम पर बंद हुए.
वहीं Silver Futures ₹9,134 यानी 5.83% गिरकर ₹1,47,470 प्रति किलो पर आ गए.
सितंबर से अक्टूबर तक दोनों धातुओं में जोरदार तेजी देखी गई थी —
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Gold ने 17 अक्टूबर को ₹1,32,294 प्रति 10 ग्राम का रिकॉर्ड बनाया था।
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Silver भी ₹1,70,415 प्रति किलो के ऑल-टाइम हाई पर पहुंची थी।
अब तक सोना ₹8,843 (6.68%) और चांदी ₹22,945 (13.46%) गिर चुकी है.
International Market में भी गिरी कीमती धातुएं
अंतरराष्ट्रीय बाजार में भी सोने और चांदी की चमक फीकी पड़ी है.
Comex Gold सोमवार को $4,398 प्रति औंस के Lifetime High पर पहुंचा, लेकिन मंगलवार को $266.4 (6.11%) की सबसे बड़ी एक-दिवसीय गिरावट के साथ नीचे आ गया — ये पिछले 10 साल की सबसे बड़ी गिरावट है.
वहीं, Comex Silver भी $53.76 से गिरकर $47.12 प्रति औंस पर पहुंची, जो 2021 के बाद की सबसे बड़ी गिरावट है.
एक्सपर्ट्स बोले — “Profit Booking और Demand Slowdown की वजह से गिरावट”
Mahendra Patil (Founder, MP Financial Advisory Services LLP) के मुताबिक,
“Gold की गिरावट का मुख्य कारण है निवेशकों की Profit Booking और Diwali के बाद घरेलू डिमांड में कमी. Global Gold ETFs में भी अक्टूबर के बीच में नेट आउटफ्लो दर्ज हुआ, जो शॉर्ट-टर्म प्रॉफिट बुकिंग का संकेत देता है।”
वहीं, Ventura के Head of Commodities N. S. Ramaswamy ने कहा,
“फिजिकल ज्वेलरी की खरीद Diwali के बाद कम हुई है, लेकिन Digital Gold की मांग अब भी मजबूत है. हमें उम्मीद है कि आने वाले Wedding Season में Gold की डिमांड फिर से बढ़ेगी।”
Silver की गिरावट पर एक्सपर्ट्स का नजरिया
Ramaswamy ने बताया कि Silver की गिरावट Speculative Positions Unwinding, मजबूत डॉलर और Eastern Europe में तनाव कम होने की वजह से हुई है.
वहीं, SmartWealth.ai के Pankaj Singh ने कहा,
“यह गिरावट बाजार की स्वाभाविक Adjustment Phase है. Precious Metals की Long-Term Demand अब भी मजबूत है, खासकर Central Bank Purchases और Inflation Hedge की वजह से.”
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विशेषज्ञों का निष्कर्ष: “यह Consolidation Phase है, Panic की जरूरत नहीं”
Market Experts का मानना है कि यह गिरावट किसी Panic का संकेत नहीं बल्कि Consolidation Phase है — यानी लगातार बढ़त के बाद मार्केट का खुद को स्थिर करना.
अब नजरें Wedding Season और Global Economic Trends पर टिकी हैं, जो आने वाले हफ्तों में सोने-चांदी की कीमतों को फिर से ऊंचाई पर पहुंचा सकते हैं.













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