भारत का कैपिटल मार्केट और निवेशकों का भरोसा
भारत का कैपिटल मार्केट हाल के वर्षों में तेज़ी से बढ़ा है। खुदरा निवेशकों (Retail Investors) की भागीदारी और मज़बूत आर्थिक स्थिति ने इस वृद्धि को बल दिया है। इस ट्रेंड का सीधा लाभ CDSL (Central Depository Services Limited) और NSDL (National Securities Depository Limited) जैसी कंपनियों को मिल रहा है, जो देश की दो प्रमुख सिक्योरिटी डिपॉजिटरी हैं।
मार्केट एक्सपर्ट्स का नजरिया
👉 ओशो कृष्णन (सीनियर एनालिस्ट, Angel One)
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निवेशकों का भरोसा इक्विटी मार्केट का बड़ा ड्राइवर है।
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CDSL और NSDL दोनों मार्केट में मजबूत डॉमिनेंस रखते हैं।
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एक्सपर्ट्स का मानना है कि मौजूदा स्तरों से इन स्टॉक्स को लॉन्ग-टर्म पर्सपेक्टिव से अक्यूमुलेट (Accumulate) करना सही रहेगा।
उन्होंने बताया कि CDSL पिछले कुछ समय से ₹1450–₹1500 के बीच मजबूत कंसोलिडेशन ज़ोन में रहा है। यहां से अपसाइड ट्रेंड की संभावना ज्यादा है।
निवेश रणनीति: कब और कैसे खरीदें?
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मौजूदा स्तरों पर धीरे-धीरे इन स्टॉक्स को अक्यूमुलेट करें।
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लॉन्ग-टर्म में CDSL और NSDL दोनों के पास आउटपरफॉर्म करने की क्षमता है।
वैल्यूएशन और सेक्टर आउटलुक
नरेंद्र सोलंकी (हेड फंडामेंटल रिसर्च, आनंद राठी)
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हाल ही में आई गिरावट के बाद दोनों कंपनियों के वैल्यूएशन में सुधार हुआ है।
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सेक्टर में ग्रोथ रिवाइव हो रही है।
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मीडियम से लॉन्ग-टर्म में कैपिटल मार्केट स्टॉक्स प्रॉमिसिंग नज़र आ रहे हैं।
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स्टॉक अपडेट (13 सितंबर 2025 तक)
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CDSL (NSE) – ₹1550 पर हरे निशान में क्लोज़ हुआ।
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NSDL (BSE) – ₹1280.65 पर लाल निशान में क्लोज़ हुआ।
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NSDL ने अगस्त 2025 के पहले हफ्ते में Dalal Street पर डेब्यू किया था।
CDSL और NSDL: पृष्ठभूमि
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NSDL की स्थापना 1996 में हुई।
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CDSL की स्थापना 1999 में हुई।
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दोनों कंपनियां SEBI (भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड) द्वारा रेगुलेटेड हैं।
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