E20 Fuel 2025: महिंद्रा एंड महिंद्रा के ऑटोमोटिव डिवीजन प्रमुख नलिनीकांत गोल्लागुंटा ने हाल ही में बयान दिया है कि E20 फ्यूल (20% एथेनॉल + 80% पेट्रोल) पूरी तरह से सुरक्षित है और इंजन को कोई नुकसान नहीं पहुंचाएगा।
हालांकि, उन्होंने ये भी माना कि गाड़ियों की माइलेज पर असर जरूर पड़ेगा।
कंपनी अगले हफ्ते ग्राहकों के लिए इस पर एक विस्तृत एडवाइजरी जारी करेगी।
पुरानी गाड़ियों पर असर
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पुराने मॉडल्स में रबर पार्ट्स, सील्स और गैस्केट्स पर असर पड़ सकता है।
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इन्हें बदलने की जरूरत पड़ेगी, जिससे अतिरिक्त खर्च बढ़ सकता है।
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विशेषज्ञ मानते हैं कि यह प्रक्रिया आसान है लेकिन आम वाहन मालिकों के लिए महंगी साबित हो सकती है।
सरकार का रुख
केंद्र सरकार ने साफ कर दिया है कि एथेनॉल ब्लेंडिंग नीति किसी भी हालत में जारी रहेगी। इसके पीछे मुख्य कारण हैं:
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कच्चे तेल के आयात पर निर्भरता कम करना
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गन्ना किसानों को आर्थिक समर्थन देना
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कार्बन उत्सर्जन को घटाना
सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि सोशल मीडिया पर हो रही आलोचनाएं राजनीतिक रूप से प्रेरित हैं।
असली चुनौती: ग्राहकों का भरोसा
तकनीकी दृष्टि से E20 फ्यूल सुरक्षित है, लेकिन ग्राहकों का विश्वास जीतना सबसे बड़ी चुनौती है।
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कंपनियों के अलग-अलग बयानों से उपभोक्ताओं में भ्रम है।
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महिंद्रा का स्पष्ट रुख और आने वाली एडवाइजरी इस चिंता को दूर करने में मदद कर सकती है। (E20 Fuel 2025)
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नए मॉडल होंगे पूरी तरह ऑप्टिमाइज्ड
महिंद्रा ने साफ किया है कि 1 अप्रैल 2025 के बाद लॉन्च होने वाले सभी नए मॉडल्स E20 फ्यूल के लिए पूरी तरह से कैलिब्रेट और ऑप्टिमाइज्ड होंगे।
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इन गाड़ियों की माइलेज और परफॉर्मेंस पर कोई असर नहीं पड़ेगा।
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कंपनी ग्राहकों को पहले की तरह फुल वारंटी देती रहेगी।
नतीजा
E20 फ्यूल भारत के लिए भविष्य की स्वच्छ ऊर्जा नीति का अहम हिस्सा है। इंजन सेफ रहेगा लेकिन माइलेज पर हल्का असर पड़ेगा। अब देखना होगा कि भारतीय ग्राहक फ्यूल इकॉनमी से ज्यादा ग्रीन एनर्जी को तरजीह देते हैं या नहीं।
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