श्राद्ध का महत्व
12 types of Shraadh : भविष्य पुराण के अनुसार कुल 12 प्रकार के श्राद्ध होते हैं। हर श्राद्ध का अपना उद्देश्य और अलग-अलग लाभ बताए गए हैं। आइए विस्तार से समझते हैं कि ये कौन-कौन से श्राद्ध हैं और इन्हें करने से जीवन में क्या-क्या फल प्राप्त होते हैं। इनमें से विशेष रूप से दैविक श्राद्ध को धन-संपत्ति और ईश्वरीय कृपा प्राप्ति का प्रमुख उपाय माना गया है.
1. नित्य श्राद्ध
प्रतिदिन अन्न या जल द्वारा किया जाने वाला श्राद्ध।
➡ लाभ: जीवन में निरंतर प्रगति और तरक्की की सीढ़ी चढ़ने में मदद करता है।
2. नैमित्तिक श्राद्ध
किसी विशेष कारण या व्यक्ति को ध्यान में रखकर किया जाने वाला श्राद्ध।
➡ लाभ: स्मरण शक्ति और बुद्धि का विकास होता है।
3. काम्य श्राद्ध
किसी विशेष कामना या इच्छा को पूर्ण करने हेतु किया गया श्राद्ध।
➡ लाभ: बड़ी उपलब्धियां हासिल करने में सहायक।
4. वृद्ध श्राद्ध
विवाह या अन्य शुभ अवसरों पर वृद्धों का आशीर्वाद लेने हेतु।
➡ लाभ: वैवाहिक जीवन में सुख-शांति और सफलता।
5. सपिंडित श्राद्ध
परिवार और समाज में सम्मान प्राप्त करने हेतु।
➡ लाभ: घर-परिवार और रिश्तों में मान-सम्मान बढ़ता है।
6. पार्वण श्राद्ध
अमावस्या या अन्य पर्वों पर मंत्रों के साथ किया जाने वाला श्राद्ध।
➡ लाभ: घर में सुख-समृद्धि और खुशियों का वास।
7. गोष्ठ श्राद्ध
गौशाला में किया जाने वाला श्राद्ध।
➡ लाभ: स्त्री सुख और गृहस्थ जीवन में संतुलन।
8. शुद्धि श्राद्ध
स्वयं की शुद्धि और नकारात्मकता से बचाव के लिए।
➡ लाभ: ऑफिस और समाज में बैकबाइटिंग से सुरक्षा।
9. कर्मांग श्राद्ध
संतान और वंश वृद्धि हेतु संस्कारों के समय किया जाने वाला श्राद्ध।
➡ लाभ: संतान बुढ़ापे में सहारा और देखभाल करती है।
10. दैविक श्राद्ध
देवताओं को प्रसन्न करने के उद्देश्य से।
➡ लाभ: अन्न-धन की कभी कमी नहीं रहती।
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11. यात्रार्थ श्राद्ध
यात्रा पर जाने से पहले किया जाने वाला श्राद्ध।
➡ लाभ: व्यवसायिक और तीर्थ यात्राएं सफल होती हैं।
12. पुष्टि श्राद्ध
परिवार और प्रियजनों की भलाई के लिए किया गया श्राद्ध।
➡ लाभ: विदेश यात्रा के अवसर और पहले से विदेश में रहने वालों को सफलता। (12 types of Shraadh)
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है।)
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