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इलेक्ट्रिक कारों और सोलर पैनलों में बढ़ी मांग: क्यों चांदी बन रही है भविष्य की ‘गेम चेंजर’ मेटल….

इलेक्ट्रिक कारों और सोलर पैनलों में बढ़ी मांग: क्यों चांदी बन रही है भविष्य की ‘गेम चेंजर’ मेटल....

सोने पर भारी पड़ रही है ‘सफेद धातु’

सोने चांदी : जब हर कोई सोने के रेट पर नजर गड़ाए बैठा है, चांदी ने चुपचाप बाजार में बड़ा खेल खेल दिया है. 2025 में यह “सफेद धातु” छोटे निवेशकों के लिए सोने से कहीं ज्यादा फायदेमंद साबित हो सकती है.
विशेषज्ञों का मानना है कि इलेक्ट्रिक वाहनों (EVs), सोलर पैनलों और 5G टेक्नोलॉजी में चांदी की भारी मांग के कारण इसकी कीमतें तेजी से बढ़ रही हैं.

चार्टर्ड अकाउंटेंट नितिन कौशिक के अनुसार, “हर EV बैटरी, हर सोलर पैनल और हर 5G चिप में चांदी की जरूरत होती है.” यही वजह है कि अब चांदी केवल एक कीमती धातु नहीं रही, बल्कि आधुनिक तकनीक की रीढ़ बन चुकी है.

औद्योगिक मांग ने बढ़ाई चमक

कौशिक बताते हैं कि अब चांदी की मांग पारंपरिक उपयोग (ज्वेलरी और निवेश) से कहीं आगे निकल गई है. दुनियाभर की सरकारें क्लीन एनर्जी और डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर पर खरबों डॉलर का निवेश कर रही हैं, जिससे चांदी की खपत ऐतिहासिक स्तर पर पहुंच गई है.

EV, सोलर, 5G और मेडिकल डिवाइस जैसे क्षेत्रों में इसकी जरूरत लगातार बढ़ रही है. यही औद्योगिक क्रांति चांदी की कीमतों में उछाल का सबसे बड़ा कारण है.

छोटे निवेशकों की ‘चांदी’

सोने में निवेश के लिए जहां बड़ी पूंजी चाहिए, वहीं चांदी में सिर्फ ₹500–₹1,000 से निवेश शुरू किया जा सकता है.
आज डिजिटल प्लेटफॉर्म जैसे Google Pay, Paytm, Groww पर डिजिटल सिल्वर खरीदना बेहद आसान हो गया है. यह चांदी सुरक्षित वॉल्ट में रखी जाती है और बीमित होती है.

जो निवेशक फिजिकल फॉर्म में निवेश करना चाहते हैं, वे सिक्के या बार के रूप में चांदी खरीद सकते हैं, लेकिन विशेषज्ञ सलाह देते हैं कि नकली धातु से बचने के लिए केवल प्रमाणित डीलर से ही खरीदारी करें.

कौशिक बताते हैं कि वर्तमान में सोना चांदी से लगभग 88 गुना महंगा है, जबकि ऐतिहासिक रूप से यह अनुपात 40x से 70x के बीच रहा है. अगर यह अंतर घटता है, तो सिल्वर प्राइस में जबरदस्त उछाल आ सकता है.

भारत में बढ़ रही है चांदी की भूख

भारत अब दुनिया के सबसे बड़े चांदी उपभोक्ताओं में से एक है.
2024 में देश ने रिकॉर्ड 7,600 टन चांदी का आयात किया — जो कि दो वजहों से हुआ:
1️⃣ औद्योगिक सेक्टर में तेजी
2️⃣ त्योहारी सीजन में पारंपरिक मांग

हालांकि, चांदी की कीमतों में तेज उतार-चढ़ाव देखा गया है. विशेषज्ञ कहते हैं कि यह वॉलेटिलिटी एक रिस्क भी है और एक मौका भी.
जो निवेशक लंबी अवधि के नजरिए से सोचते हैं, उनके लिए चांदी आने वाले वर्षों में शानदार रिटर्न दे सकती है.

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‘क्वाइट गेम चेंजर’: भविष्य की सुरक्षित चमक

कौशिक का कहना है, “चांदी आपके निवेश सफर की शांति से चमकती शुरुआत हो सकती है. छोटी पूंजी, बड़ा पोटेंशियल.”
जब दुनिया आर्थिक अस्थिरता और महंगाई से जूझ रही है, तब निवेशक ऐसे विकल्प तलाश रहे हैं जो ठोस और महंगाई-रोधी हों.

सोना हमेशा सुर्खियों में रहता है, लेकिन चांदी बिना शोर किए अपने मूल्य को साबित कर रही है.
2025 में यह वही ‘गेम चेंजर मेटल’ बन सकती है, जो छोटे निवेशकों को बड़ी सफलता की ओर ले जाए। सोने चांदी

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