Blood Sugar Test: डायबिटीज (Diabetes) यानी मधुमेह आज दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती बीमारियों में से एक है। इसमें शरीर का ब्लड शुगर लेवल सामान्य से ज्यादा हो जाता है। इसे समय रहते पहचानना बहुत जरूरी है, ताकि जटिलताओं से बचा जा सके। अक्सर मरीज यह सवाल पूछते हैं कि डायबिटीज टेस्ट के लिए डॉक्टर दो बार ब्लड सैंपल क्यों लेते हैं? आइए जानते हैं इसके पीछे की वजह।
डायबिटीज की पुष्टि क्यों जरूरी है?
दिल्ली के पीएसआरआई अस्पताल की वरिष्ठ एंडोक्राइनोलॉजिस्ट डॉ. हिमिका चावला बताती हैं कि यह पूरी तरह वैज्ञानिक कारण है।
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अगर पहली बार ब्लड शुगर टेस्ट में शुगर लेवल ज्यादा आता है, तो डॉक्टर यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि यह सिर्फ अस्थायी बढ़ोतरी न हो।
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कई बार तनाव, थकान, संक्रमण या हाल ही में खाए गए भोजन से शुगर अस्थायी रूप से बढ़ सकता है।
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इसलिए दोबारा सैंपल लेकर जांच की जाती है कि ब्लड शुगर लगातार ज्यादा है या नहीं।
👉 अगर दोनों बार रिपोर्ट हाई आती है तो यह डायबिटीज का स्पष्ट संकेत है।
डायबिटीज की जांच कैसे होती है?
डॉक्टर आमतौर पर तीन तरह के टेस्ट करवाने की सलाह देते हैं –
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Fasting Blood Sugar (खाली पेट शुगर टेस्ट)
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Postprandial Blood Sugar (खाने के 2 घंटे बाद शुगर टेस्ट)
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HbA1c टेस्ट (पिछले 3 महीनों का औसत ब्लड शुगर)
इनसे यह पता चलता है कि शरीर इंसुलिन को सही तरीके से इस्तेमाल कर पा रहा है या नहीं। (Blood Sugar Test)
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दो बार ब्लड टेस्ट से क्या फायदा होता है?
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ब्लड शुगर लेवल का सटीक निदान हो जाता है।
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पता चलता है कि मरीज को प्रिडायबिटीज है या पूरी तरह डायबिटीज विकसित हो चुकी है।
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इसके आधार पर डॉक्टर सही इलाज और जीवनशैली में बदलाव (Lifestyle Changes) की सलाह दे सकते हैं।
घबराएं नहीं, यह आपकी सुरक्षा के लिए है
अगर डॉक्टर दो बार ब्लड सैंपल लेने को कहें तो परेशान होने की जरूरत नहीं है। यह आपके स्वास्थ्य की सटीक जांच और सही इलाज के लिए किया जाता है।
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