प्रदोष व्रत का महत्व
हिंदू धर्म में प्रत्येक माह के कृष्ण पक्ष और शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि को प्रदोष व्रत किया जाता है। इस बार यह व्रत 19 सितंबर 2025, शुक्रवार (आश्विन कृष्ण त्रयोदशी) को रखा जाएगा। इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती की विशेष पूजा-अर्चना करने का महत्व है।
सुबह नित्यकर्मों से निवृत्त होकर शिवलिंग पर जल, बेल पत्र, पुष्प, धूप-दीप और भोग अर्पित करें। इसके बाद प्रदोष काल (सूर्यास्त के बाद का प्रथम प्रहर) में पुनः भगवान शिव की विधिवत पूजा करनी चाहिए। इस दिन किए गए विशेष उपायों से शिव कृपा प्राप्त होती है और जीवन की परेशानियाँ दूर होती हैं।
मानसिक शांति के लिए उपाय
अगर आप मानसिक तनाव से जूझ रहे हैं तो शाम के समय शिव मंदिर या घर पर शिवलिंग के सामने बैठकर 5 बार गहरी सांस लेते हुए “ॐ” का उच्चारण करें। ध्यान रहे ‘ओ’ की ध्वनि को लंबा खींचें और ‘म’ अपने आप सांस छोड़ते समय निकल जाए। इससे मन को अद्भुत शांति मिलेगी।
कार्य-सफलता का उपाय
अपने कार्यों में सफलता पाने के लिए इस दिन दूध में केसर मिलाकर शिवलिंग पर अर्पित करें और मन ही मन ‘ॐ नमः शिवाय’ मंत्र का जाप करें। इससे आपके प्रयास सफल होंगे।
बिजनेस इन्वेस्टमेंट के लिए उपाय
अगर निवेश या बिजनेस में परेशानी है तो प्रदोष व्रत पर भगवान शिव को 11 बेलपत्र अर्पित करें। इससे आर्थिक और निवेश संबंधी अड़चनें दूर होंगी।
परिवार की सुख-शांति के लिए उपाय
परिवारिक सुख-शांति हेतु प्रदोष काल में मंदिर जाकर एक घी का दीपक और एक तेल का दीपक जलाएं।
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घी का दीपक देवताओं को प्रसन्न करता है।
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तेल का दीपक इच्छाओं की पूर्ति करता है।
ध्यान रहे, घी के दीपक में खड़ी सफेद बत्ती और तेल के दीपक में लेटी हुई लाल बत्ती लगानी चाहिए।
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धन वृद्धि का उपाय
धन-सम्पत्ति बढ़ाने के लिए इस दिन सवा किलो चावल और दूध शिव मंदिर में दान करें। यह उपाय घर में समृद्धि लाता है।
शत्रु निवारण का उपाय
अगर शत्रु आपको परेशान कर रहे हैं तो प्रदोष व्रत के दिन शमी पत्र शिवलिंग पर अर्पित करें और ‘ॐ नमः शिवाय’ मंत्र का 11 बार जाप करें। इससे शत्रु बाधाओं से मुक्ति मिलती है।
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